रिश्ते
दुनियां में कुछ रिश्तें ऐसे भी होते हैं
अनजाने में ही जाने कब कैसे जुड़ जाते हैं
बिना शर्त किसी और बिना स्वार्थ के
उम्रभर के लिए मन मे कही बस जाते हैं
ं
कुछ ऐसे बंधन भी होते हैं जग में
जिनमें बंध कर ही सुख मिलता है ं
उनसे ही निखरतें हैं खुशियों के रंग
सहरा में भी गुल खिलता है।
कुछ ऐसे भी नाते होते हैं दिल से दिल के
कोई नाम नही बस एहसास भर होता है
सुकून देता है उसका अपना होने का ख़याल े
चाह पाने की ना कुछ खोने का डर होता है।
ये रिश्ते,नातें और बंधन गर हो रूहानी
तो बन जाये जीवन जन्नत का रूप साकार
हों गर स्वार्थपरक तो खो जाएं खुशियाँ सारी
और बन जाए सारे दुखों का आधार।
-सुमन शर्मा
सुंदर
धन्यवाद