कविता : मेरा एक सपना
तेरे साथ चलने का हैं मेरा एक सपना,
जो तेरी खवाईस है उसे बना लु मैं अपना,
जिंदगी में कभी तेरे गम ना आने दु,
अपनी जान भी लुटा कर तुझे हर दर्द से दुर है रखना,
मेरा एक सपना हैं ।
तेेरे दामन में हर वह खुशीया लाऊ,
तेरे सपने को मैं फुलो से सजाऊ,
तुझे चाँद सितारों पर ले जाकर, तेरे होेठों की मुस्कराहट लाऊ,
फिर तेरे माथे को चुमकर. फिर मैं सदा के लिए सो जाऊ,
मेरा एक सपना हैं ।
मैं तुम्हारे सांसो में बिखर जाना चाहता हूँ,
बन कर रूह तेरे जिसम में उतर जाना चाहता हूँ,
किसी रात तेरे गोद मैं सर रख सो जाऊ,
उस रात के बाद मेरे जिवन में सुबह ना हो.
में त्तेरे लिए जुगनू बन जाना चाहता हूँ,
मेरा एक सपना हैं ।
तेरे साथ काटें पर भी चलना है मुझे ,
तेरी ही अंगुली के सहारे संभलना है मुझे ,
मर भी जाऊ में इस सफर में तो कोई गम नहीं.
जिंदगी की आखिरी शांसे भी तेरे गाेद में लेना हैं मुझे,
मेरा एक सपना हैं ।
मैं मर कर हवा बन जाना चाहता हूँ,
तेरे ही आस पास में हर वक्त रहना चाहता हूँ,
बिना तेरे मेरा वक्त ही नहीं कटता,
मैं जिंदगी के हर लम्हाे में तेरा दिदार चाहता हूँ,
मेरा एक सपना हैं ।
— अखिलेश कुमार यादव