पुकार
एक बार तो मुझे आने दो माँ
मुझको भी जी लेने दो माँ
जीवन को सँवार लेने दो माँ
कभी कोई ना शिकायत करुँगी
घर के पूरे काम करुँगी
पढ़ – लिखकर मै रोशन करुँगी
माँ- बाबा का नाम
दर्द बहुत होता है माँ
जब तुम मुझको ठुकराती हो
मुझको जाने-समझे बिना ही
तुम मुझे खुद से दूर कर जाती हो
ऐसे ना मुँह मोड़ो माँ
एक बार तो मुझे आने दो माँ
मुझको भी जी लेने दो माँ
जीवन को सँवार लेने दो माँ
— रीना मौर्य ‘मुस्कान’