प्रेम
प्रेम शिव है शक्ति नहीं।
प्रेम राधा है रति नहीं।
प्रेम अथ है इति नहीं।
प्रेम पीड़ा है क्षति नहीं।
प्रेम अनुराग है आसक्ति नहीं।
प्रेम पूजा है भक्ति नहीं।
प्रेम आस्था है विनती नहीं।
प्रेम व्यथा है विपत्ति नहीं।
प्रेम चकोर है स्वाति नहीं।
प्रेम ग्रंथ है पाती नहीं।
प्रेम होम है आहुति नहीं।
प्रेम व्योम है द्युति नहीं।
प्रेम समंदर है कश्ती नहीं।
प्रेम अरण्य है पत्ती नहीं।
प्रेम प्रकृति है प्रवृत्ति नहीं।
प्रेम मन है मनोवृत्ति नहीं।
प्रेम क्षुधा है तृप्ति नहीं।
प्रेम सुधा है विषकृति नहीं।
प्रेम अद्वैत है आवृत्ति नहीं।
प्रेम अनुभूति है अभिव्यक्ति नहीं।
— डॉ. शुभ्रता मिश्रा