दोहा
हरिहर अपने धाम में, रखें भूत बैताल
गणपति बप्पा मोरया, सदा सर्व खुशहाल॥-1
बाबा शिव की छावनी, गणपति का ननिहाल
धन्य धन्य दोनों पुरा, गौरा मालामाल॥-2
वाहन नंदी सत्य शिव, डमरू नाग त्रिशूल
भस्म भंग सह औघड़ी, मृगछाला अनुकूल॥-3
— महातम मिश्रा, गौतम गोरखपुरी