मुक्तक/दोहा

दोहा

 

हरिहर अपने धाम में, रखें भूत बैताल
गणपति बप्पा मोरया, सदा सर्व खुशहाल॥-1

बाबा शिव की छावनी, गणपति का ननिहाल
धन्य धन्य दोनों पुरा, गौरा मालामाल॥-2

वाहन नंदी सत्य शिव, डमरू नाग त्रिशूल
भस्म भंग सह औघड़ी, मृगछाला अनुकूल॥-3

महातम मिश्रा, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ