कविता

कुछ हाइकु…….

1-

आई बरखा

नाचती गाती गोरी

वन में मोर॥

2-

पानी पानी है

चहु दिश बदरी

पी चितचोर॥

3-

लजाये नैना

भीगत पट सारी

वा मनमोर॥

4-

दर दूर से

गागर भरी लाई

छलके कोर॥

5-

चाह मिलन

सावन पिय पाई

न कर शोर॥

6-

उड़े विहग

भीजत घर वारी

टपके पोर॥

7-

धरी कठौता

बूंद जतन करूँ

चातक लोर॥

8-

साध सगुन

किलके किलकारी

नाचत घोर॥

9-

ड्योढ़ी दीपक

बिन महल अटारी

चिंतित भोर॥

10-

अंकुर देखी

पुलकित बगिया

आवत गोर॥

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ

8 thoughts on “कुछ हाइकु…….

  • ओमप्रकाश क्षत्रिय "प्रकाश"

    सुंदर हाइकू आदरनीय महातम मिश्र जी . बधाई आप को .

    • महातम मिश्र

      सादर धन्यवाद ओमप्रकाश जी, हार्दिक आभार

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    आपकी तस्वीर यहाँ से लेने से अच्छी नहीं हो रही …. पुस्तक के लिए अपनी एक तस्वीर और अपना परिचय मेल कर सकें तो अति उत्तम
    [email protected]

    • महातम मिश्र

      सादर धन्यवाद आदरणीया, हृदयतल से आप का आभारी हूँ, अभी इसी मेल पर भेज रहा हूँ…….

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    साझा संग्रह/शत हाइकुकार/साल शताब्दी ….. नामक पुस्तक के लिए आपके 8 हाइकु ले लिए मैंने …. सादर

    • महातम मिश्र

      यह मेरा सौभाग्य है कि आप ने मेरी रचना को इस उन्न्त पुस्तक मे स्थान प्रदान किया है जिससे मेरा मनोबल और भी प्रेरित हुआ है, हार्दिक आभार आदरनिया

    • ओमप्रकाश क्षत्रिय "प्रकाश"

      आदरनीय विभा दीदी आप का यह संग्रह शीघ्र व उम्दा निकले . यही कामना है.

      • महातम मिश्र

        सादर धन्यवाद प्रकाश जी, हार्दिक शुभकामना हेतु, आभार

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