गीतिका/ग़ज़ल

गज़ब सी बातें गज़ब सी रातें

गज़ब सी बातें गज़ब सी रातें ,हैं सारे दिन ये गज़ब से कब से ?

गज़ब ये करके , हमें भुला के , हमें रुला के गए हो जब से।

 

न खैर पूछी ना हाल पूछा , ना बस ये ही सवाल पूछा

के चलती हैं साँसे या रुक गयी हैं , हुए अकेले बेजान जब से ।

 

करू ये शिकवा या मांगू मोहब्बत , या कह दू कि अनजान तुम हो गए हो

आइना भी अब नहीं पहचानता है छीनी है मेरी पहचान जब से ।

विजय गौत्तम

नाम- विजय कुमार गौत्तम पिता का नाम - मोहन लाल गौत्तम पता - 268 केशव नगर कॉलोनी , बजरिया , सवाई माधोपुर , राजस्थान pin code - 322001 फोन - 9785523446 ईमेल - [email protected] व्यवसाय - मैंने अपनी Engineering की पढाई Arya college , Kukas , jaipur से Civil engineering में पूरी की है एवं पिछले 2 सालों से Jaipur Engineering College , Kukas , jaipur में व्याख्याता के पर कार्यरत हूँ । ग़ज़लें लिखना बहुत अच्छा लगता है ।