गीत : पुलिस
देश भक्ति जन सेवा मन में
देश का जज्बा भरा है तन में।
चौवीस घंटे काम करत है
रात को ना आराम करत है।
फिर वर्दी पे दाग क्यों गहरा……
तनख्वाह थोड़ी खर्चे ज्यादा
इनकी कमाई के चर्चे ज्यादा।
शिक्षा में भी अब्बल आते
देश भक्त वो है कहलाते।
फिर क्यों जीवन नही सुनहरा….
सभी जनो के काम में आते
बुरा लगत ठुल्ले कहे जाते।
इतने प्यारे भाई है मेरे
जनता के संग साथ है फेरे।
फिर जनता क्यों समझे बहरा…..
हमदर्दी न पुलिस दिखाई
बिना सिफारस काम न आई
पुलिस और जन में इतनी खाई
ना जनता ने करी बड़ाई।
तभी तो जीवन नही सुनहरा….
— कवि दीपक गांधी