मैं रोया बहुत गुनगुनाने से पहले
तेरे बज्म में कुछ सुनाने से पहले ।
मैं रोया बहुत गुनगुनाने से पहले ।।न बरबाद कर दें ये नजरें इनायत ।
वो दिल मांगते दिल बसाने से पहले ।।है इन मैकदों में चलन रफ्ता रफ्ता ।
करो होश गुम कुछ पिलाने से पहले ।।तेरे हर सितम से सवालात इतना ।
मैं लूटा गया क्यूँ जमाने से पहले ।।ओ बदल जाने वाले बदल ही गया तू ।
मुहब्बत की कसमें निभाने से पहले ।।ख़रीदार निकला है वो आंसुओं का ।
जो आकर गया आजमाने से पहले ।।जुबाँ को हया ने इजातजत कहाँ दी ?
शबे वस्ल नजरें झुकाने से पहले ।।बयां कर गयी सारे चेहरे की रंगत ।
तेरे दर्दे गम को छुपाने से पहले ।।तू कहकर गया अलविदा फख्र से क्यों ।
जनाजे को मेरे उठाने से पहले ।।
–नवीन मणि त्रिपाठी
बहुत लाजवाब ग़ज़ल
बहुत सुन्दर ग़ज़ल लिखा है नवीन मणि जी ,क्या इसका बह्र: फाईलुन फईलुन फईलुन फाईलुन है (२२२,१२२,१२२,२२२ }?
बेहद सुन्दर