प्रदत चित्र पर एक कजरी गीत……….
पुतरी खेलन हम जइबें, हो मैया ताल तलैया…….
वहि ताल तलैया मैया, सारी सखियाँ सहेलिया
बेर के बिरवा सजइबें, हो मैया ताल तलैया…….
गोबर से गोठब मैया, तोरी सुनरी महलिया
नगवा के दूध चढ़इबें, हो मैया ताल तलैया……
कदमा की डाली मैया, डारब रेशमी डोरिया
नेहिया के खूब झुलइबें, हो मैया ताल तलैया……
तीज त्योहारी मैया, पूरईब नैहर सधिया
अंगना में चौक पुरइबें, हो मैया ताल तलैया……
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी