नाम तेरे
नाम तेरे ख़ुमार हो जैसे
बेकरारी करार हो जैसे !!
तू मिला तो नसीब जागा है
अब तलक जां मजार हो जैसे !!
भूल सकते नहीं दुआओं में
याद आता हजार हो जैसे !!
रात आधी गुजर गई माना
तू अभी इन्तजार हो जैसे !!
है सिला तू कहाँ सदाओं का
जीत जाना भी हार हो जैसे !!
कैद तुझमे जवां कहानी है
हर्फ़ मेरे गुनाहगार हो जैसे !!
निर्मला”मुस्कान”