“हाइकू”
कहते हैं ये
बरसाती तरु हैं
भरा है पानी॥-1
सूख न जाएँ
उपवन झरने
पिलाते पानी॥-2
बैठना छांव
शीतल हवा है
तपता पानी॥-3
संग चल तो
हरी भरी धरती
ओढ़ती पानी॥-4
गिरता पानी
सड़क ये वीरानी
लुटाएँ पानी॥-5
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
कहते हैं ये
बरसाती तरु हैं
भरा है पानी॥-1
सूख न जाएँ
उपवन झरने
पिलाते पानी॥-2
बैठना छांव
शीतल हवा है
तपता पानी॥-3
संग चल तो
हरी भरी धरती
ओढ़ती पानी॥-4
गिरता पानी
सड़क ये वीरानी
लुटाएँ पानी॥-5
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
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sunder
सादर धन्यवाद मुकेश कुमार सिन्हा जी, हार्दिक आभार, स्वागत है पटल पर आप का………