हाइकु/सेदोका

“हाइकू”

कहते हैं ये

बरसाती तरु हैं

भरा है पानी॥-1

 

सूख न जाएँ

उपवन झरने

पिलाते पानी॥-2

 

बैठना छांव

शीतल हवा है

तपता  पानी॥-3

 

संग चल तो

हरी भरी धरती

ओढ़ती पानी॥-4

 

गिरता पानी

सड़क ये वीरानी

लुटाएँ पानी॥-5

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ

2 thoughts on ““हाइकू”

  • मुकेश कुमार सिन्हा, गया

    sunder

    • महातम मिश्र

      सादर धन्यवाद मुकेश कुमार सिन्हा जी, हार्दिक आभार, स्वागत है पटल पर आप का………

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