मेरी ज़िन्दगी
दिल हमारा बेकरार है
तुम्हारा ही इंतज़ार है
तुम्हारे सिवा कोई भाता नही
जाने ये कैसा खुमार है
जबसे हुए चार, दो नैना
जीना मेरा दुश्वार है
टुकड़े कर गई दिलके
तेरे नैना जैसे कटार है
रातें कटती हैं करवटे बदल
इश्क हमें बेशुमार है
तुम ही हो मेरी ज़िन्दगी
कहता ‘अर्जुन’ बार- बार है