स्वतंत्रता दिवस….
जब तिरंगा लहराता है , लगता कितना प्यारा है
वन्दे मातरम के नारों को ,मिलकर सबने पुकारा है
भारत माँ का वंदन करके, शहीदों को नमन करना है
हर व्यक्ति को भारतीय , होने का स्वाभिमान जगाना है
देशभक्ति को भारत में , सबसे बड़ा धर्म बनाना है
हर भारतीय को देश के लिए , जीना सिखाना है
भेद भाव का जलन हृदय में , और बैर की आग है
सबकी अपनी अपनी डफ़ली , अपना अपना राग है
वीरता की परम्परा को , हम भारतीयों को बढ़ाना है
लोकतंत्र के मंदिर को , गद्धारो से मुक्त कराना है
हमें व्यक्तिवाद छोड़कर , राष्ट्रवाद को अपनाना है
जाति धर्म देखे बिना, देशद्रोहियों को मिटाना है
नई पीढ़ी को अभिमन्यु सा, गर्भ में देशभक्ति सिखाना है
हर व्यक्ति में भारतीय होने का , स्वाभिमान जगाना है
एक देश , बहु रंग , बहु भेष , एक ही हमारा नारा है
हरा सफ़ेद केसरिया “तिरंगा” , हमें जान से भी प्यारा है
— राज मलपाणी (शोरपुर)
M ; 8792 143 143