कविता

स्वतंत्रता दिवस….

जब तिरंगा लहराता है , लगता कितना प्यारा है
वन्दे मातरम के नारों को ,मिलकर सबने पुकारा है

भारत माँ का वंदन करके, शहीदों को नमन करना है
हर व्यक्ति को भारतीय , होने का स्वाभिमान जगाना है

देशभक्ति को भारत में , सबसे बड़ा धर्म बनाना है
हर भारतीय को देश के लिए , जीना सिखाना है

भेद भाव का जलन हृदय में , और बैर की आग है
सबकी अपनी अपनी डफ़ली , अपना अपना राग है

वीरता की परम्परा को , हम भारतीयों को बढ़ाना है
लोकतंत्र के मंदिर को , गद्धारो से मुक्त कराना है

हमें व्यक्तिवाद छोड़कर , राष्ट्रवाद को अपनाना है
जाति धर्म देखे बिना, देशद्रोहियों को मिटाना है

नई पीढ़ी को अभिमन्यु सा, गर्भ में देशभक्ति सिखाना है
हर व्यक्ति में भारतीय होने का , स्वाभिमान जगाना है

एक देश , बहु रंग , बहु भेष , एक ही हमारा नारा है
हरा सफ़ेद केसरिया “तिरंगा” , हमें जान से भी प्यारा है

राज मलपाणी (शोरपुर)
M ; 8792 143 143

राज मालपाणी ’राज’

नाम : राज मालपाणी जन्म : २५ / ०५ / १९७३ वृत्ति : व्यवसाय (टेक्स्टायल) मूल निवास : जोधपुर (राजस्थान) वर्तमान निवास : मालपाणी हाउस जैलाल स्ट्रीट,५-१-७३,शोरापुर-५८५२२४ यादगिरी ज़िल्हा ( कर्नाटक ) रूचि : पढ़ना, लिखना, गाने सुनना ईमेल : [email protected] मोबाइल : 8792 143 143