गीतिका/ग़ज़ल

मेरे दर्दे दिल की कहानी न पूछो

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मेरे  दर्दे  गम   की   कहानी  न   पूछो ।
मुहब्बत  की  कोई  निशानी  न  पूछो ।।

बहुत   आरजूएं    दफन   मकबरे   में ।
कयामत  से  गुजरी  जवानी  न  पूछो ।।

मुझे   याद   है  वो   तरन्नुम   तुम्हारा ।
ग़ज़ल  महफ़िलों  की  पुरानी न पूछो ।।

हुई  रफ्ता  रफ्ता  जवां  सब   अदाएं ।
सितम  ढा  गयी  कब सयानी न पूछो ।।

बयां  हो  गई  इश्क  की हर हकीकत ।
समन्दर  की लहरों का  पानी न पूछो ।।

सलामी  नजर  से नज़र  कर गयी थी ।
वो चिलमन से नज़रें झुकानी न पूछो ।।

मुलाक़ात ऐसी न कुछ कह सके हम ।
रही  बात  क्या  क्या बतानी न पूछो ।।

नवीन मणि त्रिपाठी

*नवीन मणि त्रिपाठी

नवीन मणि त्रिपाठी जी वन / 28 अर्मापुर इस्टेट कानपुर पिन 208009 दूरभाष 9839626686 8858111788 फेस बुक [email protected]

4 thoughts on “मेरे दर्दे दिल की कहानी न पूछो

  • लीला तिवानी

    प्रिय नवीन भाई जी, एक नायाब और सार्थक रचना के लिए आभार.

  • लीला तिवानी

    प्रिय नवीन भाई जी, एक नायाब और सार्थक रचना के लिए आभार.

  • अर्जुन सिंह नेगी

    सुन्दर ग़ज़ल !

  • अर्जुन सिंह नेगी

    सुन्दर ग़ज़ल !

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