ओ गिरधर गोपाला ( भजन )
ओ गिरधर गोपाला अब तो आ जाओ ना
आ जाओ ना अब तो आ जाओ ना
ओ गिरधर गोपाला अब तो आ जाओ ना ।।
व्याकुल गोपियाँ तोहे पुकारें ‘पुकारें नन्द नगरिया
देर भइ नंदलाला आ जा देखूं तेरी डगरिया
फिर से मधुर मुरलिया कान्हा ‘ ओ……….
फिर से मधुर मुरलिया कान्हा सुना जाओ ना
ओ गिरधर गोपाला अब तो आ जाओ ना ।।
सूना है पनघट सूनी राहें सूनी कदम्ब की डरिया
जमुना का तीर पुकारे आ जा ओ नटखट सांवरिया
वृन्दावन में फिर से कान्हा ओ……
वृन्दावन में फिर से रास रचा जाओ ना
ओ गिरधर गोपाला अब तो आ जाओ ना ।।
धरम घटा है सत्य डरा है झूठा ही मुस्काए
हंस को दाना मीले नहीं पर कौआ मोती खाए
दुष्टों को मारन को कान्हा ओ ….
दुष्टों को मारन को चक्र चला जाओ ना
ओ गिरधर गोपाला अब तो आ जाओ ना ।।
अतिसुन्दर भावपूर्ण भजन, आभार आदरणीय
भजन आपको सुन्दर और भावपूर्ण लगा यह पढ़कर हार्दिक प्रसन्नता हुयी । सुन्दर और सार्थक प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद ।
राजकुमार भाई , भजन बहुत ही अच्छा लगा . श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप और आप के सारे परिवार को शुभ मुबारक कहते हैं .
आदरणीय भाईजी ! भजन आपको अच्छा लगा पढ़कर मुझे बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा है । आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रियाओं से मेरा हौसला दुगुना हो जाता है । सुन्दर सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार ।
राजकुमार सर बहुत सुन्दर भजन , जय श्री कृष्ण
राजकुमार सर बहुत सुन्दर भजन , जय श्री कृष्ण
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आपको हार्दिक शुभकामनाएं । प्रिय अर्जुन सिंह जी ! भजन आपको सुन्दर लगा यह जान कर मुझे बहुत ख़ुशी हुयी । त्वरित व सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए आपका ह्रदय से धन्यवाद । जय श्री कृष्ण ।
प्रिय राजकुमार भाई जी, श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं. भजन अति सुंदर गेय भजन लगा. सटीक एवं सार्थक रचना के लिए शुक्रिया.
श्रद्धेय बहनजी ! श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं ! भजन आपको अति सुन्दर और गाने योग्य लगा जानकर मन अति हर्षित हुआ ।उत्साहवर्धक व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आपका ह्रदय से धन्यवाद ।