•भजन•वो अपना बांके बिहारी…
•भजन•
नंद जी के नंदन का,
अवसर है अभिनंदन का,
गा भजन अब वंदन का,
टीका कर ले चंदन का,
फिर आयेगा रे गिरधारी,
वो अपना बांके बिहारी|
है हृदय ठकुरानी राधा,
मुरली बिन घनश्याम आधा,
तन सुंदर पितांबर ओढ़े,
लहराए जब आंगन दौड़े,
जिसकी काया कारी-कारी,
वो अपना बांके बिहारी|
नटखट माक्खन चोर निराला,
आज मचा है शोर निराला,
बृजधाम गोकुल मथुरा,
जग का हर कोना अधुरा,
जिसके पीछे राधा हारी,
वो अपना बांके बिहारी|
– कवि/गीतकार योगेन्द्र जीनगर “यश”,राजसमंद, राजस्थान