नेता लालू कह रहे…
अमीर दौलत जोड़ते ,गरीब ढोता लाश ,
विलसित नेता जी हुए, कौन करे प्रकाश ||
बाढ़ राहत योजनाये ,चढ़ी बहुत परवान ,
जनता भूखी मर रही,रोता मिला किसान ||
जलथल सारा एक हुआ ,एक दिखे आकाश,
श्मशान तक गायब हैं, सडती मिलती लाश ||
बढ़ी बाढ़ को देखकर,जनता करे पुकार ,
नेता लालू कह रहे, हो गंगा सत्कार ||
चीख-पुकार मची हुई,बाढ़ से परेशान ,
कहो पार कैसे बसे, मच्छर भी हैवान || ——– विजयलक्ष्मी