हाइकू”
शिक्षा शिक्षा
बेहतर है शिक्षा
ले लो शिक्षा॥-1
शिक्षित घर
खुशियों का आँगन
हरें हैं बाग॥-2
नौ मन भार
पढ़ाये बचपन
झूकी कमर॥-3
खेलेने तो दो
अपनी गलियों में
नौनिहाल हैं॥-4
ये भविष्य हैं
उछलता कूदता
हर्षित देश॥-5
बेटी हमारी
खुशिहाली घर की
झूले पालना॥-6
हरियाली है
प्रकृति है प्यारी
गोंदी लालना॥-7
प्यार करो
जीवन संगिनी है
है माँ बहन॥-8
खेल न खेलो
भावना से भाव से
खेल खेल में॥-9
हर खेल में
संभावना अपार
दिल का खेल॥-10
खेलती बेटी
लहराया तिरंगा
वाह रे वाह॥-11
मान सम्मान
बढ़ाती हैं बेटियाँ
देश की शान॥-12
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
आदरणीय मिश्र जी , ये तीनों हाइकु ,हाइकु के मापनी में फिट नहीं हैं न. १ की पहली और तीसरी पंक्ति में 4 ही अक्षर हैं ,पांच होने चाहिये ,न. 7 में दूसरी पंक्ति में ७ अक्षर की जगह ६ ही हैं , न. ८ में पहली पंक्ति में ५ की जगह ४ ही है । आपका प्रयास सुन्दर है । कृपया अन्यथा न लें , आपकी शुभचिंतक ,नमन
शिक्षा शिक्षा
बेहतर है शिक्षा
ले लो शिक्षा॥-1
हरियाली है
प्रकृति है प्यारी
गोंदी लालना॥-7
प्यार करो
जीवन संगिनी है
है माँ बहन॥-8
आदरणीय मिश्र जी , ये तीनों हाइकु ,हाइकु के मापनी में फिट नहीं हैं न. १ की पहली और तीसरी पंक्ति में 4 ही अक्षर हैं ,पांच होने चाहिये ,न. 7 में दूसरी पंक्ति में ७ अक्षर की जगह ६ ही हैं , न. ८ में पहली पंक्ति में ५ की जगह ४ ही है । आपका प्रयास सुन्दर है । कृपया अन्यथा न लें , आपकी शुभचिंतक ,नमन
शिक्षा शिक्षा
बेहतर है शिक्षा
ले लो शिक्षा॥-1
हरियाली है
प्रकृति है प्यारी
गोंदी लालना॥-7
प्यार करो
जीवन संगिनी है
है माँ बहन॥-8
सादर धन्यवाद आदरणीया, आप से बिलकुल सहमत हूँ भूल हुई है, शिक्षा शिक्षा है, अंतिम पंक्ति है, ले तो लो शिक्षा”. न. 7 में, प्रकृति तो है प्यारी, है । न. 8 में , कर लो प्यार, है। लिखने में गलती हो गई, सादर क्षमा…..
मिश्र साहब 1,7,और 8वाँ हायकू को पुनः परिष्कृत करें तो और भी सुन्दर हो जायेंगे
सादर धन्यवाद आदरणीय, आप से बिलकुल सहमत हूँ भूल हुई है, शिक्षा शिक्षा है, अंतिम पंक्ति है, ले तो लो शिक्षा”. न. 7 में, प्रकृति तो है प्यारी, है । न. 8 में , कर लो प्यार, है। लिखने में गलती हो गई, सादर क्षमा…..मूल में सुधार कर लिया हूँ