सुस्वागतम गणराया
सजी हैं गलियां सजे चौबारे
सजे पंडाल हैं सारे
जाकर तुझको साल भये हैं
फिर आ संग हमारे
ओ गणपति गणराया आ जा
राह तके अब सारे ।।
सुमुख कहो या लम्बोदर
या कहो गजानन भैया
विघ्न विनाशक विघ्नेश्वर
हैं पार्वती जिनकी मैया
बम भोले के पुत्र हरे हैं
विपदा दुःख ये सारे
रिद्धि सिद्धि संग फिर से पधारो
भक्त ये दिल से पुकारे
ओ गणपति गणराया आ जा
राह तके अब सारे ।।
भालचंद्र गजकर्ण पुकारे
कोई गजानन न्यारा
धूम्रकेतु एकदंत कहे कोई
कहे विनायक प्यारा
गणाधिपति गणराज नमन करें
जीव सृष्टि ये सारे
विघ्न हरो हे विघ्न के हर्ता
हर दिल यही पुकारे
ओ गणपति गणराया आ जा
राह तके अब सारे
रिद्धि सिद्धि संग फिर से पधारो
भक्त ये दिल से पुकारे ।।
आपको और सभी गणेश भक्तों को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं । यहाँ मुंबई में गली घर सभी वरद विनायक श्री गणेशजी के स्वागत में सज गए हैं । हर साल की तरह भक्तों को अब उनका ही इंतजार है । एक अप्रतिम उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आपका आभार ।
आपको और सभी गणेश भक्तों को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं । यहाँ मुंबई में गली घर सभी वरद विनायक श्री गणेशजी के स्वागत में सज गए हैं । हर साल की तरह भक्तों को अब उनका ही इंतजार है । एक अप्रतिम उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आपका आभार ।
प्रिय राजकुमार भाई जी, गणाधिपति गणराज को नमन करते हुए सभी भक्तों को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं. एक नायाब और सार्थक रचना के लिए आभार.
अत्ति सुन्दर ,राजकुमार भाई .
अत्ति सुन्दर ,राजकुमार भाई .
आदरणीय भाईसाहब ! यह रचना भी आपको अति सुन्दर लगी यह जान कर काफी हर्षित हुआ । उत्साहवर्धक सार्थक व त्वरित प्रतिक्रिया के लिये आपका ह्रदय से धन्यवाद ।
अति उत्तम आदरणीय
अति उत्तम आदरणीय
सार्थक व त्वरित प्रतिक्रिया के लिए आपका ह्रदय से धन्यवाद ।