“कुण्डलिया छंद”
गुरुवर साधें साधना, शिष्य सृजन रखवार
बिना ज्ञान गुरुता नहीं, बिना नाव पतवार
बिना नाव पतवार, तरे नहि डूबे दरिया
बिन शिक्षा अँधियार, जीवनी यम की घरिया
कह गौतम चितलाय, इकसूत्री शिक्षा रघुवर
गाँव शहर तक जाय, ज्ञान भल फैले गुरुवर॥
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी