कविता अच्छा लगता है ! बलवंत सिंह अरोरा 26/09/201626/09/2016 अच्छा लगता है….. सुबह सबेरे ग्रीन चाय का एक प्याला और रात की खुमारी ओढ़े हुए ढ़ेर सारी बातें करना, तुम संग, अच्छा लगता है… – बलवंत सिंह १७-०७-१६