कविता “कुंडलिया” *महातम मिश्र 26/09/2016 बर्फ़ीले पर्वत धरें, चादर चाह सफ़ेद लाल तिरंगा ले खड़ा, भारत किला अभेद भारत किला अभेद, हरा केसरिया झंडा शुभ्र धवल संकेत, शांति सहारा डंडा कह गौतम चितलाय, युद्ध होते ख़र्चीले छद्म पाँव गलि जांय, पाक पर्वत बर्फ़ीले॥ महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी