कविता : मेरा सब कुछ खाली करके
कमरे सारे
भरे हुए हैं
परन्तु
मैं
खाली हुई जा रही हूँ …
तुम
साथ लिए जा रहे हो
मेरे -शब्द
मेरे – गीत
मेरी -हँसी
मेरी -खुशी
मेरी -नींदे
मेरा – चैनों-करार
एेसे में
तुम्हीं बताओ
क्या साबूत रह पायेगा
मेरा आज
मेरा कल
क्या रह पाऊंगी मैं
खुद के लिए भी
थोडी़ सी कहीं ..?