क्या आयेगा गाँधी दोबारा !!
पूछती हैं गलियां
पूछते हैं गाँव- चौबारा
क्या आयेगा गाँधी दोबारा !!
पूछती हैं नदियाँ
पूछता है लोकतंत्र हमारा
क्या आयेगा गाँधी दोबारा !!
पुकारती है निर्भया
पुकारता है कालाहांडी का सवेरा
क्या आयेगा गाँधी दोबारा !!
क्या आयेगा गाँधी दोबारा !!
भ्रष्ट होते इस तंत्र में
राह टके हर एक दुखियारा
क्या आयेगा गाँधी दोबारा !!
बूढ़ी आँखों का जो था सहारा
हर जुबां पे एक ही नारा
क्या आयेगा गाँधी दोबारा !!
क्या आयेगा गाँधी दोबारा !!
नोट- कितना प्रासंगिक है आज का गांधी, इस विचार के साथ महात्मा गाँधी की 147वी जयंती के अवसर पर शत शत नमन |
KM Bhai