असाधारण
धन्य है साधारण को
अ लगाने से
कीर्तिमान
कांति युक्त
उच्चतम का आभास ही नहीं होता
बल्कि
यकीन हो जाता है
साधारण में आगे
अ लगाने से
जबकि
अन्य शब्दों में अ लगता है
तो
बुरा कुरूप उलटा
और
न जाने क्या क्या बन जाता है
धन्य है साधारण को
अ लगाने से
कीर्तिमान
कांति युक्त
उच्चतम का आभास ही नहीं होता
बल्कि
यकीन हो जाता है
साधारण में आगे
अ लगाने से
जबकि
अन्य शब्दों में अ लगता है
तो
बुरा कुरूप उलटा
और
न जाने क्या क्या बन जाता है