कविता

दद्दा जी की सुनता कौन है

दद्दा जी की
कौन सुनता है
सुबह से शाम तक
चिल्लाते रहते है
जर्दा चूना सुपारी
गांजा भांग चिलम
ले आओ
कभी ये लाओ
तो कभी वो लाओ
नाक में दम कर रखा है
चिल्लाओ और चिल्लाने दो
अरे इनके कोई प्रवचन भी सुनो
हमेशा एक से प्रवचन देते है
दाल रोटी से शुरु करते है
परीक्षित कथा सुनाते है
दद्दाजी कुछ खिसक गये है
डाक्टर ने शराब के लिए मना किया है
लेकिन दद्दा जी ने
वसीयत नामा नहीं लिखा है
यही तो समस्या है
बेचारे दद्दा जी
सेवा करो
प्रवचन सुनो।

अनिल कुमार सोनी

जन्मतिथि :01.07.1960 शहर/गाँव:पाटन जबलपुर शिक्षा :बी. काम, पत्रकारिता में डिप्लोमा लगभग 25 वर्षों से अब तक अखबारों में संवाददाता रहा एवं गद्य कविताओं की रचना की अप्रकाशित कविता संग्रह "क्या तुम समय तो नहीं गवां रहे हो "एवं "मधुवाला" है। शौक :हिंदी सेवा सम्प्रति :टाइपिंग सेंटर संचालक