कविता

आंसू

विदाई के गीत

अपने ही गाते है

गीतों को सुन पराये

अपने हो जाते है

भावनाओं से विदा करना

भावना भी तुम्हारी है

भाव भरे ह्रदय में

आत्मा भी तुम्हारी है

आंसूओं का क्या

कभी भी ढड़क आते है

विदाई के आंसू

आंसू ही कहलाते है

अनिल कुमार सोनी

अनिल कुमार सोनी

जन्मतिथि :01.07.1960 शहर/गाँव:पाटन जबलपुर शिक्षा :बी. काम, पत्रकारिता में डिप्लोमा लगभग 25 वर्षों से अब तक अखबारों में संवाददाता रहा एवं गद्य कविताओं की रचना की अप्रकाशित कविता संग्रह "क्या तुम समय तो नहीं गवां रहे हो "एवं "मधुवाला" है। शौक :हिंदी सेवा सम्प्रति :टाइपिंग सेंटर संचालक