बाल कविता

गीत : अब सरदी की हवा चली है

अब सरदी की हवा चली है,
गरमी अपने गाँव चली है।

कहीं रजाई या फिर कम्बल,
और कहीं है टोपा सम्बल।
स्वेटर कोट सभी हैं लादे,
लड़ें ठंड से लिए इरादे।

सरदी आई, सरदी आई,
होती चर्चा गली-गली है।

कम्बल का कद बौना लगता,
हीटर एक खिलौना लगता।
कोहरे ने कोहराम मचाया,
पारा गिरकर नीचे आया।

शिमले से तो तोबा-तोबा,
अब दिल्ली की शाम भली है।

सूरज की भी हालत खस्ता,
गया बाँधकर बोरी-बस्ता।
पता नहीं, कब तक आएगा,
सबकी ठंड मिटा पाएगा।

सूरज आए ठंड भगाए,
सबको लगती धूप भली है।

गरमी हो तो, सरदी भाती,
सरदी हो तो, गरमी भाती।
और कभी पागल मनवा को,
मस्त हवा बरसाती भाती।

चाबी है ऊपर वाले पर,
अपनी मरजी कहाँ चली है।

आनन्द विश्वास

आनन्द विश्वास

जन्म की तारीख- 01/07/1949 जन्म एवं शिक्षा- शिकोहाबाद (उत्तर प्रदेश) अध्यापन- अहमदाबाद (गुजरात) और अब- स्वतंत्र लेखन (नई दिल्ली) भाषाज्ञान- हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती। प्रकाशित कृतियाँ- 1. *देवम* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 2. *मिटने वाली रात नहीं* (कविता संकलन) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 3. *पर-कटी पाखी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2014) डायमंड बुक्स दिल्ली। 4. *बहादुर बेटी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2015) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-उपन्यास पठनीय। 5. *मेरे पापा सबसे अच्छे* (बाल-कविताएँ) (वर्ष-2016) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-कविताएँ पठनीय। प्रबंधन- फेसबुक पर बाल साहित्य के बृहत् समूह *बाल-जगत* एवं *बाल-साहित्य* समूह का संचालन। ब्लागस्- 1. anandvishvas.blogspot.com 2. anandvishwas.blogspot.com संपर्क का पता : सी/85 ईस्ट एण्ड एपार्टमेन्ट्स, न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास, मयूर विहार फेज़-1 नई दिल्ली-110096 मोबाइल नम्बर- 9898529244, 7042859040 ई-मेलः [email protected]