इकरार अभी बाकी है
प्यार तो वो भी करते हैं हमसे
बस इकरार अभी बाकी है
राहों में खड़े हैं कब से
क्योंकि इंतज़ार अभी बाकी है
आँखों से तो जाने कितनी बार
वो हाँ कर चुके हमसे
पर दबी जुबान से इज़हार अभी बाकी है
यूँ तो कितनी बार
आँखों से ही कत्ल किया है हमारा
पर खुलेआम….वार अभी बाकी है
यूँ न समझना हम जीत लेंगे उन्हें
अर्श से फर्श तक
जीत कर भी जिसे जीत न सका
वो दर्द-ऐ-मोहब्बत हार अभी बाकी है
प्यार तो वो भी करते हैं हमसे
बस इकरार अभी बाकी है
हाँ……इकरार अभी बाकी है
#महेश कुमार माटा 17/10/2016