कविता

श्रद्धांजलि

 

माँ मैं यहाँ अच्छी तरह से हूँ

यहाँ कोई खतरे नहीं है

आप चिन्ता मत करना

अगर कुछ होता है तो भी

चिंता मत करना ।

शहीद भी हो जाये

तो आंसू मत बहाना

बेटा

भारत की सरकार

के लिए नहीं

भारत देश के लिए

जान  दे दो

सरकार तो बनती बिगड़तीं रहती है

विपक्ष तो मौन है

बेटा

शहीदों की संख्या बहुत हो गयी है

दुनिया डिजिटल हो गयी

लोग

“पुष्प की अभिलाषा ”

का मजाक उड़ाते है

न फूल तोड़ते है

न ही अपने हाथों से

चढ़ाते है

बेटा

मुवाईल ,कम्प्यूटर में ही फूल

शहीदों पर चढ़ाते है

श्रद्धांजलि देते है

फिर डिलीट कर देते है

अनिल कुमार सोनी, पाटन

 

९९९३६१६५६१

अनिल कुमार सोनी

जन्मतिथि :01.07.1960 शहर/गाँव:पाटन जबलपुर शिक्षा :बी. काम, पत्रकारिता में डिप्लोमा लगभग 25 वर्षों से अब तक अखबारों में संवाददाता रहा एवं गद्य कविताओं की रचना की अप्रकाशित कविता संग्रह "क्या तुम समय तो नहीं गवां रहे हो "एवं "मधुवाला" है। शौक :हिंदी सेवा सम्प्रति :टाइपिंग सेंटर संचालक