संस्मरण

संस्मरण : अटूट प्रेम

धूप-छाँव के बीच जीवन का उत्सव मनाते पल्लवी के बाबूजी और माँ उम्रदराज हो गये, पता ही न चला ! दोनों लगभग पिच्चासी वर्ष की आयु के हो चले थे ! अभी भी अनुशासन, विनम्रता और कर्मठता उनके जीवन के अंग थे ! समाज में भी वे दोनों सबके प्रिय थे ! बाबूजी को जब कभी गुस्सा आता तो माँ चुप रहतीं और फिर धीरे से ” सॉरी ” कह देतीं ! बस बाबूजी फिर हँस देते थे ! बाबूजी माँ को बहुत प्यार करते थे ! माँ भी दिलोजान से बाबूजी को चाहती थीं ! दोनों के अटूट प्रेम का समर्पण एक उदाहरण स्वरुप था !

एक महीने से माँ बहुत बीमार चल रही थीं ! उनके फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया था ! चौबीसों घंटे ऑक्सीजन की मशीन पर रहती थीं ! इसके अलावा और कोई इलाज नहीं था ! इस अवस्था में भी वह भजन गाया करती थी ! बीमारी और तमाम इलाज के चलते उनका कमरा अलग कर दिया गया था ! चलने में अत्यंत कष्ट होने के बाद भी बाबूजी छड़ी के सहारे माँ से मिलने रोज उनके कमरे में जाया करते थे ! फिर दोनों एक दूसरे का हाथ अपने हाथों में लेकर एक-दूसरे को “आई लव यू….आई ब्लैस यू “ कहते थे ! जैसे वे दोनों समझ गये थे कि उनके बिछड़ने की घड़ी पास आ गयी है ! अभी भी उनका मधुर प्रेम देख कर मन भीग सा जाता था !

फिर दोनों ही एक महीने में चल बसे ! आज भी पल्लवी ने उन मधुर यादगार पलों को, भीगी पलकों के बीच अपनी सुनहरी स्मृतियों के फ्रेम में सजा रखा है !

प्रेरणा गुप्ता, कानपुर

प्रेरणा गुप्ता

१- नाम - प्रेरणा गुप्ता २- जन्म तिथि और स्थान - ५ फरवरी १९६२, राजस्थान ३ -शिक्षा - स्नातक संगीत ४ - कार्यक्षेत्र - संगीत ,समाज सेवा ,आध्यात्म और साहित्य ५ -प्रकाशित कृतियाँ - कुछ रचनाएँ पत्र - पत्रिकाओं एवं वेब पर प्रकाशित ६ - सम्मान व पुरस्कार - गायन मंच पर ७ - संप्रति - स्वतंत्र लेखन ८ - ईमेल - [email protected]