क्षणिका

जुआ और दीवाली की रात

काये कौन कौन है

खुशबू आ रही है

हाँ

सब है तुम भी आओ

छोटा है या बड़ा

आरे आ तो जाओ

जी

लक्ष्मी पूजन की रात

भाग्य अजमाने की रात है

कैसा जायेगा साल

ज्योतिषी क्या बतायेगा

उनका भाग्य

लो खेल लो जुआ

लगा लो दांव

कोई जीता कोई हारा

घर में

पांच दीपक जलाने

तेल नहीं

लेकिन फड़ पर

कौरव पांडव और शकुनी की

नकल उतारेंगे ।

— अनिल कुमार सोनी

अनिल कुमार सोनी

जन्मतिथि :01.07.1960 शहर/गाँव:पाटन जबलपुर शिक्षा :बी. काम, पत्रकारिता में डिप्लोमा लगभग 25 वर्षों से अब तक अखबारों में संवाददाता रहा एवं गद्य कविताओं की रचना की अप्रकाशित कविता संग्रह "क्या तुम समय तो नहीं गवां रहे हो "एवं "मधुवाला" है। शौक :हिंदी सेवा सम्प्रति :टाइपिंग सेंटर संचालक