जुआ और दीवाली की रात
काये कौन कौन है
खुशबू आ रही है
हाँ
सब है तुम भी आओ
छोटा है या बड़ा
आरे आ तो जाओ
जी
लक्ष्मी पूजन की रात
भाग्य अजमाने की रात है
कैसा जायेगा साल
ज्योतिषी क्या बतायेगा
उनका भाग्य
लो खेल लो जुआ
लगा लो दांव
कोई जीता कोई हारा
घर में
पांच दीपक जलाने
तेल नहीं
लेकिन फड़ पर
कौरव पांडव और शकुनी की
नकल उतारेंगे ।
— अनिल कुमार सोनी