लघुकथा

वापसी

“कुछ भी नही बदला सात वर्ष में, यहां तक कि मेरे हाथ का लगाया बगीचा भी।” सोचते सोचते रवि ने ‘डोर बैल’ पर हाथ रख दिया।
इतने अर्से बाद अचानक पति को सामने देखकर निशी समझ नही सकी कि वो क्या कहे, खामोशी से रास्ता दे अंदर आ गयी।
चाय से खाने तक दोनो के बीच अधिकाशंत: सन्नाटा ही पसरा रहा। हाँ, वर्षो से पिता की कमी महसूस करती बेटी की आँखो में जरूर इक मोह का दीया जलने लगा था।
“निशी! मैं घर वापिस लौटना चाहता हूँ।” आखिर चलते हुये रवि ने हिम्मत की।
निशी के जहन में अनायास ही वर्षो पहले रवि की कही बाते शोर मचाने लगी। “…….. निशी, मैं ‘ग्रीन कार्ड’ का ये ‘चान्स’ ‘मिस’ नही करूँगा। मैं जा रहा हूँ मारिया के साथ, रही तुम्हारी बात! मेरा घर, बेटी, मेरा नाम सब कुछ तो तुम्हारे साथ रहेगा ही ना …….।” सोचते सोचते ही निशी का चेहरा कठोर हो गया।

“रवि, एक पिता बनकर तुम जब चाहो अपने घर में लौट सकते हो। लेकिन एक पति के रूप में तुम्हारी वापसी अब सम्भव नही।” कहते हुये निशी पलट चुकी थी।

विरेन्दर 'वीर' मेहता

विरेंदर वीर मेहता जन्म स्थान/निवास - दिल्ली सम्प्रति - एक निजी कंपनी में लेखाकार/कनिष्ठ प्रबंधक के तौर पर कार्यरत। लेखन विधा - लघुकथा, कहानी, आलेख, समीक्षा, गीत-नवगीत। प्रकाशित संग्रह - निजि तौर पर अभी कोई नहीं, लेकिन ‘बूँद बूँद सागर’ 2016, ‘अपने अपने क्षितिज’ 2017, ‘लघुकथा अनवरत सत्र 2’ 2017, ‘सपने बुनते हुये’ 2017, ‘भाषा सहोदरी लघुकथा’ 2017, ‘स्त्री–पुरुषों की संबंधों की लघुकथाएं’ 2018, ‘नई सदी की धमक’ 2018 ‘लघुकथा मंजूषा’ 2019 ‘समकालीन लघुकथा का सौंदर्यशस्त्र’ 2019 जैसे 22 से अधिक संकलनों में भागीदारी एवँ किरदी जवानी भाग 1 (पंजाबी), मिनी अंक 111 (पंजाबी), गुसैयाँ मई 2016 (पंजाबी), आदि गुरुकुल मई 2016, साहित्य कलश अक्टूबर–दिसंबर 2016, साहित्य अमृत जनवरी 2017, कहानी प्रसंग’ 2018 (अंजुमन प्रकाशन), अविराम साहित्यिकी, लघुकथा कलश, अमर उजाला-पत्रिका ‘रूपायन’, दृष्टि, विश्वागाथा, शुभ तारिका, आधुनिक साहित्य, ‘सत्य की मशाल’ जैसी विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनायें प्रकाशित। सह संपादन : भाषा सहोदरी लघुकथा 2017 (भाषा सहोदरी), लघुकथा मंजूषा 3 2019 (वर्जिन साहित्यपीठ) एवँ लघुकथा कलश में सम्पादन सह्योग। साहित्य क्षेत्र में पुरस्कार / मान :- पहचान समूह द्वारा आयोजित ‘अखिल भारतीय शकुन्तला कपूर स्मृति लघुकथा’ प्रतियोगिता (२०१६) में प्रथम स्थान। हरियाणा प्रादेशिक लघुकथ मंच द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता (२०१७) में ‘लघुकथा स्वर्ण सम्मान’। मातृभारती डॉट कॉम द्वारा आयोजित कहानी प्रतियोगिता (२०१८) ‘जेम्स ऑफ इंडिया’ में प्रथम विजेता। प्रणेता साहित्य संस्थान एवं के बी एस प्रकाशन द्वारा आयोजित “श्रीमति एवं श्री खुशहाल सिंह पयाल स्मृति सम्मान” 2018 (कहानी प्रतियोगिता) और 2019 (लघुकथा प्रतियोगिता) में प्रथम विजेता।