भिखारियों को पैसे मांगते आज भी देखा जाता है
एक पैसे का
सिक्का दे दो बाबू जी
दो पैसे का
एक सिक्का दे दो बाबू जी
तीन पैसे का
एक सिक्का दे दो बाबू जी
पांच पैसे का
एक सिक्का दे दो बाबू जी
दस पैसे का
एक सिक्का दे दो बाबू जी
बीस पैसे का
एक सिक्का दे दो बाबू जी
“गरीबों की सुनो
वो तुम्हारी सुनेगा
तुम एक पैसा दोगे
वो दस लाख देगा ”
आज यदि काला धन आम जनता के खातों में डाल दिया जाये तो इस गाने की सार्थकता सिध्द होगी ।