“मुक्तक”
शीर्षक मुक्तक, शीर्षक – कोष ,भंडार ,निधि ,खजाना आदि
खबर खजाने की लगी, कोष कहर भंडार
चहल पहल दिखने लगी, दिपक तले अंहार
निधि विधी की जंखना, सूझे नहीं उपाय
कस विधि वैतरणी तरे, साख रहे संसार॥
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
शीर्षक मुक्तक, शीर्षक – कोष ,भंडार ,निधि ,खजाना आदि
खबर खजाने की लगी, कोष कहर भंडार
चहल पहल दिखने लगी, दिपक तले अंहार
निधि विधी की जंखना, सूझे नहीं उपाय
कस विधि वैतरणी तरे, साख रहे संसार॥
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी