लघुकथा
अच्छे पति
” कैसी हो, कविता ?” राजीव ने मैसेज भेजा।
कोई जवाब नहीं।
राजीव ने सोचा कि हो सकता है, कविता फेसबुक के लिए कुछ लिख रही हो, मैसेज देख न पाई हो।
कुछ देर बाद उसने फिर मैसेज किया, ” बिजी हो क्या ?”
” कविता सो गई है। मैं उसका पति हूं।”
राजीव के आश्चर्य की सीमा न थी। उसने खुद से कहा, ” यह क्या है ? कविता तो कहती थी कि उसके पति बहुत अच्छे हैं। खास अच्छे इस मामले में कि उसकी व्यक्तिगत ज़िंदगी में दखलंदाजी नहीं करते।”
– राजकुमार धर द्विवेदी