वे सिर्फ अपनी मुद्रा के लिए एक हुए है
बाजार हो गये
चौपट
चौपालों ने बदले चाल है
खाल
उनकी कब निकलेगी
जो रखे काला माल
सवाल है
वे सिर्फ अपनी
मुद्रा के लिए
एक हुये है
आवाज दो हम एक है
बाजार हो गये
चौपट
चौपालों ने बदले चाल है
खाल
उनकी कब निकलेगी
जो रखे काला माल
सवाल है
वे सिर्फ अपनी
मुद्रा के लिए
एक हुये है
आवाज दो हम एक है