चौपाई सुनाते किसान
नई मुद्रा के अभाव में
गांव के किसान
रामचरित्र मानस की
चौपाई का सहारा ले कर
असंतोष जता रहे है
वे कहते है
“मुद्रा विहीन महि मैं जानी ”
नई मुद्रा के अभाव में
गांव के किसान
रामचरित्र मानस की
चौपाई का सहारा ले कर
असंतोष जता रहे है
वे कहते है
“मुद्रा विहीन महि मैं जानी ”