“जनता की कैसे होत भलाई”
धन बिनु धंधा कैसे करूँ
घर घर चर्चा चले कतार की
नर नारी किन्नर सब
कदम ताल करत जात मरत जात
धन्य धन्य सरकार हमारी
कहत जात
काहे को कालेधन ने धूम मचाई
लाल पीले बंद हुये है
नई मुद्रा चलाई
जनता की कैसे होत भलाई
धन बिनु धंधा कैसे करूँ
घर घर चर्चा चले कतार की
नर नारी किन्नर सब
कदम ताल करत जात मरत जात
धन्य धन्य सरकार हमारी
कहत जात
काहे को कालेधन ने धूम मचाई
लाल पीले बंद हुये है
नई मुद्रा चलाई
जनता की कैसे होत भलाई