तुम्हारे साथ बीते वो लम्हे………..
मेरे सपनों में तुम और मेरे जीवन में भी तुम
मेरे जिक्र में तुम और मेरे जज्बात में भी तुम
होते थे वो पल सुनहरे जब मेरे ज़िंदगी में थे तुम
मेरे संसो में भी हो तुम और मेरी प्यास भी हो तुम
रूह भी मेरी कहा थी जब मिली परी बनके तुम
धरती भी लगती स्वर्ग जैसी जब होती साथ तुम
दिन का उजाला तुम और रात का अँधेरा भी तुम
मेरे आँखो में तुम और मेरे आँसुओ में भी हो तुम
मेरा दर्द भी हो तुम और मेरा प्यार भी हो तुम
जी तो रहा हु पर मेरी हर साँस में बसी हो तुम
पर जीवन में नही तुम ना ही अब रहे साथ तुम
न अब ख़्वाबों में हो और ना ही हक़ीक़त में तुम
तुम बोलते नहीं कुछ मुज़े शिकायत नहीं आज
सुन लिया मैंने तुम्हारे दिल का हर एक “राज”
तुम्हारे साथ बिताये हुए हर पल थे सबसे सुनहरे
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✍?️..राज मालपाणी
शोरापुर – कर्नाटक