कविता

मैंने जाने गीत बिरह के

मैंने  जाने   गीत  बिरह   के,  मधुमासों  की  आस  नहीं  है,

कदम-कदम पर मिली विवशता, साँसों में विश्वास नहीं है।

छल से छला गया है जीवन,

आजीवन का था समझौता।

लहरों  ने  पतवार छीन ली,

नैया  जाती  खाती   गोता।

किस सागर जा करूँ याचना, अब अधरों पर प्यास नहीं है,

मैंने  जाने   गीत  बिरह  के, मधुमासों  की  आस  नहीं  है।

मेरे   सीमित   वातायन  में,

अनजाने आ  किया   बसेरा।

प्रेम-भाव का  दिया जलाया,

आज बुझा, कर दिया अंधेरा।

कितने सागर  बह-बह निकलें, आँखों को  एहसास नहीं है,

मैंने  जाने   गीत  बिरह  के, मधुमासों  की  आस  नहीं  है।

मरुथल में  बहतीं दो नदियाँ,

कब तक प्यासा उर सींचेंगीं।

सागर  से  मिलने  को आतुर,

दर-दर पर कब तक भटकेंगीं।

तूफानों से  लड़-लड़  जी लूँ, इतनी  तो अब  साँस  नहीं है,

मैंने  जाने   गीत  बिरह  के, मधुमासों  की  आस  नहीं  है।

विश्वासों  की  लाश  लिये मैं,

कब तक सपनों के  संग खेलूँ।

सोई-सोई   सी   प्रतिमा  को,

सत्य समझ कब तक मैं बहलूँ।

मिथ्या जग में  सच हों सपने, मुझको  यह एहसास नहीं है,

मैंने  जाने   गीत  बिरह  के, मधुमासों  की  आस  नहीं  है।

…आनन्द विश्वास

आनन्द विश्वास

जन्म की तारीख- 01/07/1949 जन्म एवं शिक्षा- शिकोहाबाद (उत्तर प्रदेश) अध्यापन- अहमदाबाद (गुजरात) और अब- स्वतंत्र लेखन (नई दिल्ली) भाषाज्ञान- हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती। प्रकाशित कृतियाँ- 1. *देवम* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 2. *मिटने वाली रात नहीं* (कविता संकलन) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 3. *पर-कटी पाखी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2014) डायमंड बुक्स दिल्ली। 4. *बहादुर बेटी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2015) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-उपन्यास पठनीय। 5. *मेरे पापा सबसे अच्छे* (बाल-कविताएँ) (वर्ष-2016) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-कविताएँ पठनीय। प्रबंधन- फेसबुक पर बाल साहित्य के बृहत् समूह *बाल-जगत* एवं *बाल-साहित्य* समूह का संचालन। ब्लागस्- 1. anandvishvas.blogspot.com 2. anandvishwas.blogspot.com संपर्क का पता : सी/85 ईस्ट एण्ड एपार्टमेन्ट्स, न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास, मयूर विहार फेज़-1 नई दिल्ली-110096 मोबाइल नम्बर- 9898529244, 7042859040 ई-मेलः [email protected]