बाल कविता

ठंडी आई, ठंडी आई

ठंडी आई, ठंडी आई,
ओढ़ो कम्बल और रजाई।

कोहरे ने जग लिया लपेट,
गाड़ी नौ – नौ घण्टे लेट।
हवाई जहाज की शामत आई,
ठंडी आई, ठंडी आई।

पानी छूने से डर लगता,
हाथ तापने को मन करता।
आग जलाकर तापो भाई।
ठंडी आई, ठंडी आई।

बंद हुईं बच्चों की शाला,
ठंडी ने क्या-क्या कर डाला।
घर पर लड़ते बहना भाई,
ठंडी आई, ठंडी आई।

बात करो तो धुआँ निकलता,
चुप रहने से काम न चलता।
कैसी ईश्वर की चतुराई,
ठंडी आई, ठंडी आई।

देखो कैसा बना बगीचा,
हरी घास पर श्वेत गलीचा।
फूलों की आभा मन भाई,
ठंडी आई, ठंडी आई।

फसलों को पाले ने मारा,
बेवश हुआ किसान बिचारा।
उसके घर तो आफत आई,
ठंडी आई, ठंडी आई।

और झोंपड़ी अकुलाती है,
दुख-सुख तो सब सह जाती है।
पर ठंडी वह सह ना पाई,
ठंडी आई, ठंडी आई।

आनन्द विश्वास
(यह कविता मेरे काव्य-संकलन *मिटने वाली रात नहीं* से ली गई है।)

आनन्द विश्वास

जन्म की तारीख- 01/07/1949 जन्म एवं शिक्षा- शिकोहाबाद (उत्तर प्रदेश) अध्यापन- अहमदाबाद (गुजरात) और अब- स्वतंत्र लेखन (नई दिल्ली) भाषाज्ञान- हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती। प्रकाशित कृतियाँ- 1. *देवम* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 2. *मिटने वाली रात नहीं* (कविता संकलन) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 3. *पर-कटी पाखी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2014) डायमंड बुक्स दिल्ली। 4. *बहादुर बेटी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2015) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-उपन्यास पठनीय। 5. *मेरे पापा सबसे अच्छे* (बाल-कविताएँ) (वर्ष-2016) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-कविताएँ पठनीय। प्रबंधन- फेसबुक पर बाल साहित्य के बृहत् समूह *बाल-जगत* एवं *बाल-साहित्य* समूह का संचालन। ब्लागस्- 1. anandvishvas.blogspot.com 2. anandvishwas.blogspot.com संपर्क का पता : सी/85 ईस्ट एण्ड एपार्टमेन्ट्स, न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास, मयूर विहार फेज़-1 नई दिल्ली-110096 मोबाइल नम्बर- 9898529244, 7042859040 ई-मेलः [email protected]