ग़ज़ल
जब चांद नहीं तो तारों का मतलब ही क्या?
मरुथल में जवां बहारों का मतलब ही क्या?
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वह का वियोग में शून्य निहारा करता है
नायिका के मधुर इशारों का मतलब ही क्या?
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सारी आशाएं छोड़ी तुम बिन हार गया
अब धैर्य पुष्प के हारों का मतलब ही क्या ?
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वह तेरे बिन हो गया दास अंधेरों का
इन वैभव के उजियारो का मतलब ही क्या?
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वह प्रेम का प्यासा तृषित रहा तुम बरसे न
अब इन अश्कों की धारों का मतलब ही क्या?
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वह जैसा भी था ,मेरा था ,जो चला गया
अब अच्छे बुरे हजारों का मतलब ही क्या?
© दिवाकर दत्त त्रिपाठी