गीत/नवगीत

गीत : तुझे खोजूं कहां ओ मेरी मातरम

तुझे खोजूं कहां ओ मेरी मातरम
भूल सकती न मैं, तुझको सौ-सौ जनम

मेरा जीवन है सूना तुम्हारे बिना
दुख है दूना से दूना तुम्हारे बिना
तेरे दर्शन को रोते है मेरे नयन
तेरी बोली मधुर को तरसते बयन
मेरी पूजा -पूजापा की दात्री है तू
अपनी पुत्री की पावनीय पात्री है तू
तू सरस साधना की सुघर स्वामिनी
मेरी पूनम की तू चन्द्रिका चॉदनी
ज्योति तेरी से जीता न हारा है तम
तुझे खोजूं कहां ओ मेरी मातरम

और कोई न मेरा तुम्ही एक हो
मेरे जीवन जगत की तो अभिषेक हो
जन्मदात्री तुरत दर्श दो हर्ष दो
अपना दैवीय आदर्श स्पर्श दो
तू है पूर्वा -अपूर्वा अनूठी है मां
बात झूठी है मुझसे तू रुठी है मां
तू तो मेरे लिये अंब अमरावती
तू ही सीता सावित्री परम पार्वती
तू प्रणम्या परम,धैर्य धारण धरम
तुझे खोजूं कहां ओ मेरी मातरम

सफलता सरोज

सफलता सरोज

सफलता सरोज मां- जगदेई बाजपेयी/श्रीमती सरोज पिता- श्री मन्ना लाल शिक्षा- एम.ए. बीएड, एमएड, पीएचडी प्रकाशन- आज, अमरउजाला, पंजाब केशरी, कादम्बरी, वागर्थ, वीणा, लमही, परिंदे, इंडियन ग्लैक्सी, कोमा, नवनिकष, हैलो कानपुर, स्वतंत्र भारत, अक्षरा, बयान, सरस्वती सुमन, अभिव्यक्ति आदि पत्र-पत्रिकाओं में लेख कहानियों, कवितायें, साक्षात्कार का सतत प्रकाश्न संपादन- हमारे सपनों की उड़ान, नग्न मंच है नग्न नृत्य है, नवनिकष का नीरज विशेषांक, बयान का शिक्षा विशेषांक पुरस्कार- राष्ट्रभाषी, राष्ट्रगौरव, पत्रकारश्री की उपाधि पता- चैबेपुर, कानपुर नगर 201203 ईमेल - [email protected]