गीतिका/ग़ज़ल

गज़ल (बेख़बर देहलवी)

सोचता हूँ आपके नाम पर प्यार लिख दूँ ?

दिल के कोरे काग़ज पर इजहार लिख दूँ ?

हर पल आपके दीदार को तरसते ये नैना
बताओ मेरे इन नैनो में इंतज़ार लिख दूँ ?

धड़कनों में धड़कता है आप ही का नाम
आपकी चाह में अपने को बेक़रार लिख दूँ ?

मेरी ख्वाइशें गर कबूल हो जाये आपको
हथेली पर आपके प्यारा आभार लिख दूँ ?

रूह को नहीं तन को चाहने लगे है लोग
ऐसी चाहत को मैं काला बाज़ार लिख दूँ ?

— बेख़बर देहलवी

बेख़बर देहलवी

नाम-विनोद कुमार गुप्ता साहित्यिक नाम- बेख़बर देहलवी लेखन-गीत,गजल,कविता और सामाजिक लेख विधा-श्रंगार, वियोग, ओज उपलब्धि-गगन स्वर हिन्दी सम्मान 2014 हीयूमिनिटी अचीवर्स अवार्ड 2016 पूरे भारत मे लगभग 500 कविताओं और लेख का प्रकाशन