“हाइकू”
चंचल मन
बिचलित आँगन
चढ़ा बुखार॥-1
अरमानों में
दिखता आकाश है
गिरना तय॥-2
खिला गुलाब
काटें चुभने लगे
बढ़ा उन्माद॥-3
बोले कोयल
पपीहा पानी पिये
पय आधारा॥-4
लाज रखाती
घूँघट मलकाती
सखी संस्कार॥-5
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
चंचल मन
बिचलित आँगन
चढ़ा बुखार॥-1
अरमानों में
दिखता आकाश है
गिरना तय॥-2
खिला गुलाब
काटें चुभने लगे
बढ़ा उन्माद॥-3
बोले कोयल
पपीहा पानी पिये
पय आधारा॥-4
लाज रखाती
घूँघट मलकाती
सखी संस्कार॥-5
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी