“मुक्तक”
शीर्षक एवं मापनी मुक्तक, शीर्षक – देश ,मुल्क ,राष्ट्र ,राज्य, मापनी — 122 122 122 122
सहजता सरलता सुगमता सुहाए
निडरता सहज देश सबको सिखाये
निहायत जरूरी मगर याद रखना
हताशा मिले तो निराशा न आए॥-1
जरूरी नहीं है कि हम गीत गाएँ
जरूरी नहीं की अलग गुनगुनाएँ
सुराष्ट्र सरिता बहे कान में तो
सभी साथ मिलकर स्वर को मिलाएँ॥-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी