दो मुक्तक
1)
रहती नहीं अपनी कोई खबर
ऐसी इश्क की होती है डगर
पाकर भी मिलता चैन नहीं
खोने का भी रहता इक डर !!!
2)
प्यार फिर से वो जताने आ गये हैं
आस फिर से वो जगाने आ गये हैं
भूल तो कब से गये थे वो जख्म हम
याद फिर से वो कराने आ गये हैं !!!
— डॉ सोनिया