गुमनाम अँधेरे का शहीद !
शहीदों की चिताओं पे न फूल होंगे
न होंगे मेले, न होगा कोई बाकी निशाँ
वतन पे कुर्बानी देने वाला रहेगा सूंसान ……
न कोई जश्न होगा ,
न होगा कोई इन्कलाब
हर एक शहीद बन जायेगा एक ख़्वाब ….
न रक्त बहेगा
न होगा क्रान्ति का आह्वान
अब न होगा कोई सुभाष बलिदान …
भारत हो या जापान
आज़ाद हिन्द फ़ौज का
हर एक सिपाही कहलायेगा गुमनाम
हर एक सिपाही कहलायेगा गुमनाम ……
साथियों, अमर शहीद सुभाष चन्द्र बोस की 119वी जयंती पर नमन के साथ, शहादत और गुमनामी पर भी थोड़ा विचार कीजियेगा |
केएम् भाई